रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू किए अब 44 दिन हो चुके हैं। इस बीच यूक्रेन में रूसी सेना की तरफ से जबरदस्त तबाही मचाने का दौर जारी है। एक दिन पहले ही यूक्रेन के एक रेलवे स्टेशन में मिसाइल गिरने से कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों अन्य घायल हुए थे। मृतकों में ज्यादातर देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे बच्चे और महिलाएं थीं। सामने आया है कि जिस रॉकेट से यह हमला हुआ, उसके एक साइड पर रूसी में लिखा था- ‘यह बच्चों के लिए है’। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस वक्त यह हमला हुआ उस वक्त स्टेशन और उसके आसपास करीब चार हजार लोग मौजूद थे।
बाल काटकर बदसूरत दिखने की कोशिश कर रहीं यूक्रेनी महिलाएं, जानें वजह
रूस के हमले के बाद अब यूक्रेन में महिलाएं जान के साथ-साथ अस्मिता बचाने के लिए भी जूझ रही हैं। खबर है कि इवानकीव शहर में महिलाएं बलात्कार से बचने के लिए अपने बाल काटने को मजबूर हो गई हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब युद्धग्रस्त देश में महिलाओं के साथ रेप की खबरें सामने आई हैं। इससे पहले एक महिला ने दावा किया था कि रूसी सैनिकों ने उनके साथ दुष्कर्म किया था।
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि रूसी पाबंदियों पर बाइडन प्रशासन के मुख्य शिल्पी भारतीय मूल के दलीप सिंह ने नयी दिल्ली की अपनी हाल की यात्रा के दौरान रूस से तेल आयात को लेकर भारत को कोई चेतावनी नहीं दी थी, बल्कि उन्होंने भारतीय पक्ष के साथ सकारात्मक वार्ता की थी। व्हाइट हाउस ने इसके साथ यह भी कहा कि भारत, रूस की तुलना में अमेरिका से अधिक ऊर्जा आयात करता है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सिंह को यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध को लेकर रूस पर आर्थिक पांबंदियां निर्धारित करने वाला शिल्पी माना जाता है। सिंह ने भारत में संवाददताओं से कथित रूप से कहा था कि कि यदि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करता है तो भारत को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि रूस उसकी मदद के लिए आगे आएगा।
ट्रेन स्टेशन हमले को लेकर आया जेलेंस्की का बयान
रूसी सेना की तरफ से यूक्रेन के क्रैमेतोर्स्क स्थित रेलवे स्टेशन पर हमले में 52 लोगों की मौत की खबर है। इसे लेकर अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की का बयान आया है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि इस हमले की जवाबदेही तय की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
यूक्रेनी नागरिकों को ब्रिटेन में शरण मिलने में देरी पर गृहमंत्री ने जताई निराशा
ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने शुक्रवार को रूसी संघर्ष से भाग रहे यूक्रेन के शरणार्थियों के पुनर्वास की धीमी प्रक्रिया पर ‘‘निराशा’’ जाहिर की। भारतीय मूल की मंत्री ब्रिटेन के गृह विभाग के नवीनतम आंकड़ों के संदर्भ में बोल रही थीं, जो दिखाते हैं कि सरकार ने युद्ध क्षेत्र से भागने वाले यूक्रेनी नागरिकों को 41,000 वीजा दिए हैं, लेकिन उनमें से केवल एक चौथाई 12,500 ही ब्रिटेन पहुंचे हैं। पटेल ने कहा, “मैं बहुत स्पष्ट हूं, इसमें समय लगा है। किसी भी नई योजना में समय लगता है, किसी भी नई वीजा प्रणाली में समय लगता है।” उन्होंने कहा, “यह निराशाजनक रहा है। मैं निराशा के साथ खुद से माफी मांगती हूं।”
रूस और भारत के संबंधों का लंबा इतिहास, हम यह समझते हैं: अमेरिका
अमेरिका की विदेश उपमंत्री विंडी शर्मन ने रूस और भारत के रिश्तों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम अपनी चिंताए बड़ी साफगोई से रख रहे हैं लेकिन भारत का रूस के साथ संबंध का एक इतिहास है। उसके ज्यादातर रक्षा उपकरण मूल रूप से रूस से थे। वह उर्वरक के लिए रूस पर निर्भर करता है, जो उसके कृषि विकास के लिए अहम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना ठीक नहीं है कि उसने जो चुनाव किया, उससे हम खुश हैं। हमने उनसे कहा कि पाबंदियों के चलते वह रूसी उपकरण हासिल नहीं कर पायेंगे। वह अपने उपकरण या हथियारों की मरम्मत नहीं करवा पाएंगे।’’ शर्मन ने सांसदों से कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ मजबूत रक्षा संबंध बनाया है, जो अमेरिकी रक्षा समुदाय, उसकी रक्षा बिक्री एवं भारत के साथ संयुक्त सहयोग के लिए अहम है।
Russia-Ukraine War LIVE: यूक्रेन में जिस रॉकेट से हुआ ट्रेन स्टेशन पर हमला, उस पर रूसी में लिखा था- यह बच्चों के लिए
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से निकाले जाने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि वह इस परिषद में एक वीटो ताकत रखने वाला सदस्य है। अमेरिका का यह बयान रूस के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन (यूएनएचआरसी) से निकाले जाने के एक दिन बाद आया है।